MPTET Syllabus 2024 |
Chapters | Topics |
प्राथमिक चरण: बाल विकास और शिक्षाशास्त्र |
बाल विकास | - बाल विकास की अवधारणा एवं इसका अधिगम से संबंध
- विकास और विकास को प्रभावित करने वाले कारक
- बाल विकास के सिद्धांत
- बालकों का मानसिक स्वास्थ्य एवं व्यवहार संबंधी समस्याएं
- वंशानुक्रम एवं वातावरण का प्रभाव
- समाजीकरण प्रक्रियाएं: समाजिक जगत एवं बच्चे (शिक्षक, अभिभावक, साथी)
- पियाजे, पावलव, कोहलर और थार्नडाइक : रचना एवं आलोचनात्मक स्वरूप
- बाल केंद्रित एवं प्रगतिशील शिक्षा की अवधारणा
- बुद्धि की रचना का आलोचनात्मक स्वरूप और इसका मापन, बहूआयामी बुद्धि
- व्यक्तित्व और उसका मापन
- भाषा और विचार
- सामाजिक निर्माण के रूप में जेंडर, जेंडर ( लिंग) की भूमिका, लिंग भेद और शैक्षिक प्रथाएं
- अधिगम कर्ताओ में व्यक्तिगत भिन्नताएं, भाषा, जाति, लिंग संप्रदाय, धर्म आदि की विषमताओ पर आधारित भिन्नताओ की समझ
- अधिगम के लिए आकलन और आकलन में अंतर, वर्ष आधारित आकलन, सतत एवं समग्र मूल्यांकन स्वरूप और प्रथाएं
- अधिगमकर्ता की तैयारी के स्तर में आकलन हेतु उपयुक्त प्रश्नों का निर्माण, कक्षा में अधिगम को बढ़ाने आलोचनात्मक चिंतन तथा अधिगमकर्ता की उपलब्धि के आकलन के लिए आदि।
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समावेशित शिक्षा की अवधारणा एवं विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की समझ | - लाभान्वित एवं वंचित वर्गों सहित विविध पृष्ठभूमियों के अधिगमकर्ताओं की पहचान।
- अधिगम कठिनाइयों क्षति आदि से ग्रस्त बच्चों की आवश्यकताओं की पहचान।
- प्रति भावना सृजनात्मक विशेष क्षमता वाले अधिगम कर्ताओं की पहचान।
- समस्या ग्रस्त बालक : पहचान एवं निदानात्मक पक्ष।
- बाल अपराध कारण एवं प्रकार।
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अधिगम और शिक्षाशास्त्र | - बच्चे कैसे सोते और सीखते हैं, बच्चे के किस प्रकार के प्रदर्शन में सफलता प्राप्त करते है और क्यों और कैसे असफल हो जाते हैं।
- शिक्षण और अधिगम की मूलभूत प्रक्रियाएं, बच्चों के अधिगम की रणनीतियां, अधिगम एवं सामाजिक प्रक्रिया के रूप में अधिगम का सामाजिक संदर्भ।
- समस्या समाधान करता और वैज्ञानिक – अन्वेषक के रूप में बच्चा।
- बच्चों में अधिगम की वैकल्पिक धारणाएं, बच्चों की त्रुटियों को अधिगम प्रक्रिया में सार्थक कड़ी के रूप में समझना।
- अधिगम को प्रभावित करने वाले कारक – अवधान और रुचि।
- संज्ञान और संवेग।
- अभीप्रेरणा और अधिगम।
- अधिगम में योगदान देने वाले कारक – व्यक्तिगत और पर्यावरणीय।
- निर्देशन एवं परामर्श।
- अभिक्षमता और उसका मापन।
- स्मृति और विस्मृति।
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Language English II |
Comprehension | - Two unseen prose passages (discursive or literary or narrative or scientific) with question on comprehension, grammar and verbal ability
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Pedagogy of language development | - Language Skills
- Evaluating language comprehension and proficiency: speaking, listening, reading and writing
- Learning and acquisition
- Principles of Second Language Teaching
- Role of listening and speaking; function of language and how children use it as a tool
- The role of grammar in learning a language for communicating ideas verbally and in written form.
- Challenges of teaching language in a diverse classroom; language difficulties, errors and disorders
- Teaching-learning materials: Textbook, multi-media materials, multilingual resource of the classroom
- Remedial Teaching
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हिन्दी भाषा |
भाषाई समझ/अवबोध | - भाषाई समझ / अबोध के लिए दो अपठित दिए जाएं, जिसमें एक गद्यांश (नाटक/एकांकी/ घटना/ निबंध /कहानी आदि से) तथा दूसरा अपठित पद के रूप में हो, इस अपठित में से समाज /अवबोध, व्याख्या, व्याकरण एवं मौखिक योग्यता से संबंधित प्रश्न किए जाएं।गद्यांश साहित्य / वैज्ञानिक / सामाजिक समरसता/ तत्कालिक घटनाओं पर आधारित हो सकते हैं।
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भाषाई विकास हेतु निर्धारित शिक्षा शास्त्र | - भाषा सीखना और ग्रहणशीलता।
- भाषा शिक्षण के सिद्धांत।
- भाषा शिक्षण में सुनने, बोलने की भूमिका, भाषा के कार्य , बच्चे भाषा का प्रयोग कैसे करते हैं।
- मौखिक और लिखित अभिव्यक्ति को भाषा सीखने में व्याकरण की भूमिका।
- भाषा शिक्षण में विभिन्न स्तरों के बच्चों की चुनौतियां, कठिनाइयां, त्रुटियां एवं क्रमबद्धता।
- भाषा के चारों कौशल ( सुनना, बोलना, पढ़ना, लिखना ) का मूल्यांकन।
- कक्षा में शिक्षण अधिगम सामग्री, पाठ्यपुस्तक, दूरसंचार ( दृश्य एवं श्रव्य ) सामग्री, बहुकक्षा स्रोत।
- पुनः शिक्षण ।। आदि।।
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गणित |
गणित | - संख्या पद्धति – 1000 से बड़ी संख्याओ को पढ़ना और लिखना 1000 से बड़ी संख्याओ पर स्थानीय मान की समझ व चार मूलभूत संक्रियाएं।
- जोड़ना व घटाना – 5 अंकों तक की संख्याओं का जोड़ना और घटाना
- गुणा – 2 या 3 अंको की संख्याओं का गुणा करना
- भाग- दो अंको वाली संख्या से चार अंको वाली संख्या में भाग देना।
- भिन्न – भिन्न की अवधारणा, सरलतम रूप,समभिन्न, विषम भिन्न आदि भिन्नो का जोड़ना घटाना गुणा व भाग समतुल्य भिन्न , भिन्न को दशमलव मे तथा दशमलव संख्या को भिन्न में लिखना।
- सामान्यतः प्रयोग होने वाली लंबाई, भार, आयतन की बड़ी व छोटी इकाई में संबंध।
- बड़ी इकाइयों को छोटी इकाई में तथा छोटी इकाइयों को बड़ी इकाइयों में बदलना।
- ज्ञात इकाईयों में किसी ठोस वस्तु का आयतन ज्ञात करना।
- पैसा, लंबाई, भार, आयतन तथा समय अंतराल से संबंधित प्रश्नों में चार मूल गणितीय संक्रियाएं का उपयोग करना।
- मीटर को सेंटीमीटर और सेंटीमीटर को मीटर में बदलना।
- पैटर्न- संख्याओं से संबंधित पैटर्न को समझ आगे बढ़ना, पैटर्न तैयार कर उसकी संक्रियाओं के आधार पर सामान्यीकरण त्रिभुजीय संख्याओं तथा वर्ग संख्याओं के पैटर्न पहचानना।
- ज्यामिति- मूल ज्यामितीय अवधारणाएं, किरण, रेखाखंड (कोणों का वर्गीकरण) त्रिभुज (त्रिभुजों का वर्गीकरण) – ( 1. भुजाओं के आधार पर 2. कोणों के आधार पर ) त्रिभुज के तीनों कोणों का योग 180 अंश होता है।
- वृत्त के केंद्र, त्रिज्या तथा व्यास की पहचान और समाझ।
- वृत्त, त्रिज्या व व्यास में परस्पर संबंध, सममित आकृति, परिवेश आधार पर समानांतर रेखा वह लंबवत रेखा की समझ।
- सरल ज्यामितीय आकृतियों (त्रिभुज, आयत, वर्ग) का क्षेत्रफल तथा परिमाप दी गई आकृति को इकाई मानकर ज्ञात करना।
- परिवेश की 2D आकृतियों की पहचान।
- दैनिक जीवन से संबंधित विभिन्न आंकड़ों को एकत्र करना।
- घड़ी के समय को घंटे तथा मिनट में ज्ञात करना तथा AM और PM के रूप में व्यक्त करना।
- 24 घंटे की घड़ी का 12 घंटे की घड़ी से संबंध।
- दैनिक जीवन की घटनाओं में लगने वाले समय अंतराल की गणना।
- गुणा तथा भाग में पैटर्न की पहचान।
- समिति पर आधारित ज्यामिति पैटर्न।
- दंड आलेख के माध्यम से प्रदर्शित कर उससे निष्कर्ष निकालना।
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पडागोगिकल इश्यूज | - गणित शिक्षण द्वारा चिंतन एवं तर्कशक्ति का विकास करना।
- पाठ्यक्रम में गणित का स्थान।
- गणित की भाषा।
- प्रभावी शिक्षण हेतु परिवेश आधारित उपयुक्त शैक्षणिक सहायक सामग्री का निर्माण एवं उसका उपयोग करने की क्षमता का विकास करना।
- मूल्यांकन की नवीन विधियाँ, निदानात्मक परीक्षण व पुनः शिक्षण की क्षमता का विकास करना।
- गणित शिक्षण की नवीन विधियों का कक्षा शिक्षण में उपयोग करने की क्षमता।
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पर्यावरण अध्ययन |
हमारा परिवार, हमारे मित्र | - हमारे पेड़-पौधे, स्थानीय पेड़-पौधे, पेड़-पौधे एवं मनुष्यों की अन्तः निर्भरता, वनों की सुरक्षा और उनकी आवश्यकता और महत्त्व, पेड़-पौधों पर प्रदूषण का प्रभाव।
- हमारे प्राकृतिक संसाधन- प्रमुख प्राकृतिक संसाधन, उनका संरक्षण, ऊर्जा के पारंपरिक और नवीनीकृत एवं अनवीनीकृत स्रोत।
- परिवार और समाज से सहसंबंध- परिवार के बड़े-बूढ़े, बीमार, किशोर, विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों की देखभाल और उनके प्रति हमारी संवेदनशीलता।
- हमारे पशु-पक्षी, हमारे पालतू पशु-पक्षी, माल वाहक पशु, हमारे आस-पास के परिवेश में जीव जंतु जानवरों पर प्रदूषण का प्रभाव।
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खेल और कार्य | - खेल व्यायाम और योगासन।
- परिवारिक उत्सव, विभिन्न मनोरंजन के साधन- किताबें, कहानियां, कठपुतली प्ले, मेला संस्कृतिक कार्यक्रम एंव दिवसों को विद्यालय में मनाया जाना।
- विभिन्न काम धंधे, उद्योग एवं व्यवसाय
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आवास | - पशु, पक्षी और मनुष्य के विभिन्न आवास, आवास की आवश्यकता और स्वस्थ जीवन के लिए आवास की विशेषताएं।
- स्थानीय इमारतों की सुरक्षा, सार्वजनिक संपत्ति, राष्ट्रीय धरोहर और उसकी देखभाल।
- उत्तम आवास और उसके निर्माण में प्रयुक्त सामग्री, निर्माण सामग्री की गणना करना।
- शौचालय की स्वच्छता परिवेश की साफ-सफाई और अच्छी आदतें।
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हमारा भोजन और आदतें | - भोज्य पदार्थो का स्वास्थ्य वर्धक संयोजन।विभिन्न प्रकार की आयु का भोजन और उनको ग्रहण करने का सही समय।
- उत्तम स्वास्थ्य हेतु भोजन की स्वच्छता सुरक्षा के उपाय।
- खाद्य संसाधनों की सुरक्षा।
- भोजन की आवश्यकता, भोजन के घटक।
- फल एवं सब्जियों का महत्व, पौधों के अंगो के अनुसार फल, सब्जियां।
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पानी और हवा प्रदूषण एवं संक्रमण | - संक्रमित वायु एवं पानी से होने वाले रोग, उनका उपचार और बचाव अन्य संक्रामक रोग।
- हवा, पानी, भूमि का प्रदूषण और उससे सुरक्षा, विभिन्न अपशिष्ट पदार्थ और उनका प्रबंधन, उचित निस्तारण।
- भूकंप, बाढ़, सुखा आदि आपदाओं से सुरक्षा और बचाव के उपाय, आपदा प्रबंधन।
- जीवन के लिए स्वच्छ पानी और स्वच्छ हवा की आवश्यकता।
- स्थानीय मौसम, जल चक्र और जलवायु परिवर्तन में हमारी भूमिका।
- पानी के स्रोत उसके सुरक्षित रख रखाव और संरक्षण एवं पोषण के तरीके।
- प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन- संसाधनों का उचित दोहन, डीजल, पेट्रोल, खपत एवं संपोषण।
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प्राकृतिक वस्तुओं और उपज | - मिट्टी, पानी, बीज और फसल का संबंध, जैविक – रासायनिक खाद।
- विभिन्न फसले उनके उत्पादक क्षेत्र।
- फसल उत्पादन के लिए आवश्यक कृषि कार्य और उपकरण।
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मानव निर्मित संसाधन एवं उनके क्रियाकलापों का प्रभाव | - पॉलिथीन प्लास्टिक का उपयोग और उनका अपघटक अपमार्जक।
- जीवाश्म ईधन के प्रयोग के प्रभाव।
- आपदा प्रबंधन
- वनों की कटाई और शहरीकरण, परिस्थितिक संतुलन पर प्रभाव।
- ओजोन छय, अम्लीय वर्षा, ग्लोबल वार्मिंग, ग्रीन हाउस प्रभाव आदि के वैज्ञानिक कारण एवं निदान।
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अंतरिक्ष विज्ञान | - अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का परिचय, उनके अंतरिक्ष में जीवन बिताने के अनुभव।
- अंतरिक्ष यान, अंतरिक्ष खोज एवं भविष्यवाणियां।
- अंतरिक्ष जीवन के वैज्ञानिक तथ्य, जीवन की संभावनाएं।
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पेडागाँजिकल मुद्दे | - पर्यावरण अध्ययन की अवधारणा और उसकी आवश्यकता।
- पर्यावरण अध्ययन का महत्व, समेकित पर्यावरणीय शिक्षा।
- सतत – व्यापक मूल्यांकन, शिक्षण के दौरान प्रश्न पूछना, मुख और लिखित अभिव्यक्ति के अवसर देना, वर्कशीट एवं एनेक्डॉटल रिकॉर्ड का प्रयोग, बच्चे की पोर्टफोलियो का विकास करना केस स्टडी और व्यक्तिगत प्रोफाइल से शिक्षण व्यवस्था।
- पर्यावरणीय शिक्षा में शिक्षण सामग्री/ सहायक सामग्री और उसका अनुप्रयोग।
- स्थानीय परिवेश की पर्यावरणीय समस्याएं और उनके समाधान खोजने की क्षमता का विकास।
- पर्यावरणीय शिक्षा के सूत्र एवं दायित्व।
- पर्यावरणीय शिक्षा का विज्ञान और सामाजिक विज्ञान से सहसंबंध।
- अवधारणाओं के स्पष्टीकरण हेतु प्रविधियां और गतिविधियां।
- परिवेशीय भ्रमण, प्रयोगात्मक कार्य, प्रोजेक्ट कार्य और उनका महत्व।
- चर्चा, परिचर्चा, प्रस्तुतीकरण और समूह शिक्षण व्यवस्था से सीखना।
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