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The sample papers for the upcoming CBSE Class 10th board examination 2024-25 have been updated on the official website of the Central Board of Secondary Education [CBSE]. The sample papers have been made available in the form of an online PDF at the official website of the CBSE i.e., https://cbseacademic.nic.in. Students appearing for the CBSE Class 10 exams in 2024-25 can now download the Hindi sample papers to practice.
These papers will help with revision and improve their exam performance. By solving them, students can build their confidence and get ready for the board exams. Start practicing now to stay prepared and feel more confident during the tests. Practicing regularly will make a big difference and help students perform better when the exams come.
CBSE Class 10 Hindi Sample Paper 2024-25
The CBSE Class 10 Hindi sample papers provide an idea of the types of questions that might be asked. By solving the sample paper, students can understand the exam pattern and manage their time better during the exam. It also helps in revising important topics. The CBSE Class 10th Hindi sample paper includes गद्यांश (prose passage), पद्यांश (poetry passage), निबंध लेखन (essay writing), and पत्र लेखन (letter writing). The Class 10th Hindi sample paper has 15 questions, all of which are required. They are divided into four sections: A, B, C, and D. Students should study these topics carefully to get good marks. This sample paper helps them see what they have learned and which areas they need to improve.
All the students appearing in the CBSE Board Exams 2025, can now download the CBSE Class 10 Sample Paper 2024-25 released on the official website for all the subjects.
CBSE Hindi Sample Paper PDF 2025 With Solution
Solving sample papers before the class 10th board exams is very important. It helps students understand the exam pattern and the type of questions that may come. By practicing, students can improve their time management and become more confident. It also helps them find out the topics they need to focus on and improves their writing speed. Solving sample papers reduces exam fear and gives a clear idea of what to expect in the final exam. Overall, it is a great way to prepare and do well in the board exams.
CBSE 10th Hindi Sample Paper PDF 2024-25 With Answers | |
Sample Paper Link | Solution Link |
CBSE Class 10th Hindi A Sample Paper 2024-25 | Solution PDF |
CBSE Class 10th Hindi B Sample Paper 2024-25 | Solution PDF |
CBSE 10 Hindi A and B Question Paper Pattern 2024
The CBSE Class 10 Hindi question paper is divided into four sections. It includes questions on reading, grammar, and writing, as well as questions from the Hindi textbook. There are two types of questions: objective questions, like multiple-choice, and subjective questions, where students write short or long answers. The total marks for the paper are 80, and an additional 20 marks come from internal assessments, which include projects and class tests throughout the year. To do well in the exam, students should practice all types of questions to feel confident and understand each section better.
- There are a total of 2 questions in Section A [खंड-क], in which the number of sub-questions is 10.
- There are a total of 4 questions in Section B [खंड-ख ], in which the number of sub-questions is 20. It is mandatory to answer 16 sub-questions following the given instructions
- There are a total of 5 questions in Section-C [खंड-ग], in which the number of sub-questions is 20.
- There are a total of 4 questions in Section D [खंड-घ], and along with all the questions their options are also given. Write the answers to the questions following the instructions given.
Class 10 Hindi Sample Paper 2024-25 CBSE
खंड – क
(अपठित गद्यांश)
1.निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए:
आज विश्व के कई देशों में अदरक वाली भारतीय चाय का चस्का लोगों को ऐसा लग गया है कि वहाँ हर कोई भारतीय चाय का शौकीन हो गया है। इसके अलावा भारत में कुल्हड़ वाली चाय भी काफी लोकप्रिय है। मिट्टी के कुल्हड़ में परोसी गई चाय का अपना विशेष महत्त्व है क्योंकि इसकी सौंधी खुशबू और लाजवाब स्वाद को इसके बिना अनुभव नहीं कर सकते हैं। भारत की सिफारिश पर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 मई को अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस घोषित किया है। भारत ने मिलान में हुई अंतर्राष्ट्रीय खाद्य और कृषि संगठन की बैठक में यह प्रस्ताव पेश किया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपनी अधिसूचना में कहा कि हम विश्व की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में चाय के योगदान को लेकर दुनिया को जागरूक करना चाहते हैं, ताकि वर्ष 2030 के सतत विकास से जुड़े लक्ष्यों को पूरा किया जा सके। संयुक्त राष्ट्र को विश्वास है कि 21 मई को अंतर्राष्टीय चाय दिवस घोषित करने से इसके उत्पादन और खपत बढ़ाने में मदद मिलेगी। अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस का उद्देश्य दुनिया भर में चाय के लंबे इतिहास और गहरे सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। इस दिन का लक्ष्य चाय के स्थायी उत्पादन और खपत के पक्ष में गतिविधियों को लागू करने के लिए सामूहिक कार्यों को बढ़ावा देना और भूख और गरीबी से लड़ने में इसके महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। साथ ही संयुक्त राष्ट्र महासभा ने चाय के औषधीय गुणों के साथ सांस्कृतिक महत्त्व को भी मान्यता दी है।
विश्व में चाय के प्रमुख उत्पादकों में एशिया, अफ्रीका, दक्षिणी अमेरिका शामिल हैं। जबकि विश्व के चार बड़े उत्पादक देशों में क्रमशः चीन, भारत, कीनिया और श्रीलंका शामिल हैं। विश्व के कुल चाय उत्पादन में इन देशों की हिस्सेदारी 75 प्रतिशत है। भारत विश्व में चाय उत्पादन का एक बड़ा केंद्र है। भारत में चाय का उत्पादन करने वाले राज्यों में असम, पश्चिमी बंगाल, केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु शामिल हैं। असम भारत का सर्वाधिक चाय उत्पादन करने वाला राज्य है। भारत में लगभग 13 हज़ार चाय बागान हैं, जो 60 लाख से अधिक श्रमिकों की आजीविका का प्रमुख साधन भी हैं। चाय एक श्रम आधारित उद्योग है इसलिए भारत जैसे देश में इसके विकास की अपार संभावनाएँ हैं। चाय की चुनाई के लिए अधिक मात्रा में श्रमिकों की आवश्यकता पड़ती है, क्योंकि चाय की पत्तियाँ एक-एक कर तोड़ी जाती हैं, जिनसे कोमल पत्तियाँ नष्ट ना हों। अपनी कोमल अंगुलियों के कारण ही चाय के उद्यानों में स्त्री मज़दूर द्वारा पत्तियाँ तोड़ी जाती हैं। चाय की पत्ती तोड़ने के काम के लिए श्रमिकों को पूरे दिन खड़े रहना पड़ता है चाहे वह चिलचिलाती धूप में हो या – बारिश में। वे आम तौर पर उस हिस्से तक पहुँचने के लिए चार से पांच किलोमीटर पैदल चलते हैं जहाँ वे चाय की पत्तियां चुनते हैं।
(क) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उपयुक्त विकल्प चुनिए :
कथन (A) : संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 मई को ‘अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस’ घोषित किया है।
कारण (R) : विश्व की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में चाय की अहमियत को समझाना ।
i. कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
ii. कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत हैं।
iii. कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
iv. कथन (A) सही है किंतु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है ।
उत्तर- iii) कर्थन (A) सही है और कारर् (R) कर्थन (A) की सही व्याख्या है|
(ख) भारत में कुल्हड़ वाली चाय काफी लोकप्रिय है क्योंकि – कथन के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए –
I. सौंधी खुशबू होती है ।
II. लाजवाब स्वाद होता है।
III. बहुत मँहगी होती है।
IV. बहुत मँहगी होती है।
विकल्प –
i. कथन। और ॥ सही हैं।
ii. कथन।, ।। और IV सही हैं।
iii. केवल कथन ।।। सही है ।
iv. कथन ।, ॥ और । सही हैं।
उत्तर- i) कर्थन I और II सही हैं |
(ग) नीचे दिए हुए कॉलम 1 को कॉलम 2 से सुमेलित कर सही विकल्प का चयन कीजिए –
i. I (1) II (2) III (3)
ii. 1 (2) II (3) III (1)
iii. 1 (3) II (1) III (2)
iv. I (1) II (3) III (2)
उत्तर- ii) I (2) II (3) III (1)
(घ) चाय के उत्पादन और खपत बढ़ाने में ‘अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस’ की क्या भूमिका है ?
उत्तर- करोड़ों लोग चाय के व्यापार से जुड़े हुए हैं। उनके हितों की रक्षा और जागरूकता जरूरी है। इसी के चलते चायपत्ती की खपत और मांग बढ़ाने पर जोर डालने में ‘अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस’ की महत्त्वपूर्ण भूमिका है।
(ङ) चाय एक श्रम आधारित उद्योग है – कैसे ?
उत्तर- चाय एक श्रम आधारित उद्योग है। अधिक मात्रा में श्रमिकों की आवश्यकता पड़ती है, बहुत सावधानी से चाय की पत्तियाँ एक-एक कर तोड़ी जाती हैं। श्रमिकों को पूरे दिन खड़े रहना पड़ता है, यह श्रमसाध्य कार्य है।
2. निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
अर्जुन ! देखो, किस तरह कर्ण सारी सेना पर टूट रहा,
किस तरह पांडवों का पौरुष होकर अशंक वह लूट रहा,
देखो जिस तरफ़, उधर उसके ही बाण दिखायी पड़ते हैं,
बस, जिधर सुनो, केवल उसके हुंकार सुनायी पड़ते हैं ।
कैसी करालता ! क्या लाघव कितना पौरुष ! कैसा प्रहार !
किस गौरव से यह वीर द्विरद कर रहा समर-वन में विहार !
व्यूहों पर व्यूह फटे जाते, संग्राम उजड़ता जाता है,
ऐसी तो नहीं कमल वन में भी कुंजर धूम मचाता है ।
इस पुरुष-सिंह का समर देख मेरे तो हुए निहाल नयन,
कुछ बुरा न मानो, कहता हूँ, मैं आज एक चिर-गूढ़ वचन ।
कर्ण के साथ तेरा बल भी मैं खूब जानता आया हूँ,
मन-ही-मन तुझसे बड़ा वीर, पर इसे मानता आया हूँ।
“औ” देख चरम वीरता आज तो यही सोचता हूँ मन में,
है भी कोई, जो जीत सके, इस अतुल धनुर्धर को रण में ?
– रामधारी सिंह दिनकर ( रश्मिरथी सप्तम सर्ग भाग-3 )
(क) इस काव्यांश में कौन किसकी प्रशंसा कर रहा है ?
i. कृष्ण अर्जुन की ।
ii. कृष्ण कर्ण की ।
iii. कर्ण कृष्ण की ।
iv. अर्जुन कर्ण की ।
उत्तर- ii) कृष्ण कर्ण की ।
(ख) कवि ने कर्ण के युद्ध-कौशल की प्रशंसा में क्या कहा है? उचित विकल्प का चयन कीजिए –
I. पांडव सेना के पुरुषार्थ को चुनौती दे रहा था ।
II. पांडव सेना ने उसे चारों ओर से घेर लिया था ।
III. समर क्षेत्र में केवल उसके बाण दिखाई दे रहे थे।
IV. समर क्षेत्र में केवल उसकी हुंकार सुनाई दे रही थी।
विकल्प –
i. कथन। और ॥ सही हैं।
ii. कथन।, ॥ और IV सही हैं।
iii. केवल कथन । सही है।
iv. कथन।, ।। और । सही हैं।
उत्तर- iv) कथन ।, ॥॥ और । सही हैं।
(ग) कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उपयुक्त विकल्प चुनिए :
कथन (A) : कर्ण की गर्जना से पाण्डव सेना में भगदड़ मच गई ।
कारण (R) : कर्ण ने पाण्डवों की सेना पर भीषण आक्रमण कर दिया था ।
i. कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
ii. कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत हैं।
iii. कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
iv. कथन (A) सही है किंतु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर- iii) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(घ) श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कौनसा गूढ़ वचन बताया ?
उत्तर- श्रीकृष्ण ने अर्जुन से यह गूढ़ वचन बताया कि वह अर्जुन तथा कर्ण दोनों की वीरता को जानते हैं। वह दोनों के बल से परिचित हैं परन्तु मन ही मन वह कर्ण को अर्जुन से भी बड़ा वीर मानते रहे हैं ।
(ङ) कर्ण के युद्ध-कौशल को देखकर कृष्ण उसके बारे में क्या सोच रहे थे ?
उत्तर- कृष्ण सोच रहे थे कि संसार में क्या कोई और ऐसा वीर है जो कर्ण की बराबरी कर सके? उसे युद्ध में पराजित कर सके ?
खंड – ख
( व्यावहारिक व्याकरण )
3. निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
(क) हालदार साहब चौराहे पर रुकते थे और मूर्ति को देखते थे। (सरल वाक्य में बदलिए)
उत्तर (क)- हालदार साहब चौराहे पर रुककर मूर्ति को देखते थे ।
(ख ) जब जाड़ा आता तब बालगोबिन भगत एक काली कमली ऊपर से ओढ़े रहते। (संयुक्त वाक्य में बदलिए )
उत्तर (ख)- जाड़ा आता और बालगोबिन भगत एक काली कमली ऊपर से ओढ़े रहते।
(ग) रीड नरकट से बनाई जाती है जो डुमराँव में मुख्यतः सोन नदी के किनारों पर पाई जाती है। ( आश्रित उपवाक्य छाँटकर उसका भेद भी लिखिए )
उत्तर (ग)- आश्रित उपवाक्य – जो डुमराँव में मुख्यतः सोन नदी के किनारों पर पाई जाती है। [आश्रित उपवाक्य का भेद विशेषण आश्रित उपवाक्य]
(घ) खीरे के स्वाद के आनंद में नवाब साहब की पलकें मुँद गईं। (मिश्र वाक्य में बदलिए)
उत्तर (घ) जैसे ही नवाब साहब ने खीरे का आनंद लिया वैसे ही उनकी पलकें मुँद गईं।
(ङ) काशी आज भी संगीत के स्वर पर जगती है और उसी की थापों पर सोती है। (रचना की दृष्टि से वाक्य का भेद लिखिए)
उत्तर (ङ)- संयुक्त वाक्य